24 September Class 10th Sanskrit Question Paper Half Yearly Exam 2025

24 September Class 10th Sanskrit Question Paper Half Yearly Exam 2025

Subject  Sanskrit
Exam Date  24.9.2025
Class 10th Half Yearly 
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Bihar Board 10th Half Yearly Exam Sanskrit Question Paper 2025 Download

बिहार बोर्ड कक्षा 10वीं अर्धवार्षिक परीक्षा 2025 | रूटिन प्रश्नपत्र और सिलेबस देखें:-

 

Bihar Board 10th Half Yearly Exam September 2025

जितने भी छात्र-छात्राएं 10th की वार्षिक परीक्षा 2026 में सम्मिलित होने जा रहे हैं। उसे पहले उनको सितंबर महीने अर्धवार्षिक परीक्षा देना होगा। 

 

कितने सिलेबस से प्रश्न रहेंगे Half Yearly Exam 2025 Syllabus

कक्षा 10th के अर्धवार्षिक परीक्षा 2025 का प्रश्न पत्र आपके विद्यालय में अगस्त माह तक पढ़ाए गए पाठ से प्रश्न आएगा

 

 

अर्धवार्षिक परीक्षा Exam 2025-EXAM CENTER

इस परीक्षा का आयोजन आपके विद्यालय के स्तर पर होगा। अर्थात की जिस भी विद्यालय में आपका नामांकन है। उसी में जाकर आपको परीक्षा देना पड़ेगा ।

 

Class 10th Admit Card Half Yearly Exam 2025

इस परीक्षा के लिए बिहार बोर्ड के तरफ से कोई भी ऑफिशियल एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। क्योंकि यह आपके विद्यालय के स्तर पर आयोजित होने वाला अर्धवार्षिक जांच परीक्षा है।

 

 

अर्धवार्षिक परीक्षा नहीं देंगे तो क्या होगा ?

बोर्ड ने साफ सुथरे शब्दों में सभी विद्यालय को निर्देश दिया हैं, यदि कोई छात्र/छात्रा परीक्षा में शामिल नहीं होंगे तो उनको किसी भी परिस्थिति में फाइनल परीक्षा में भाग नहीं ले सकते हैं 

 

क्या अर्धवार्षिक परीक्षा के कॉपी Check होता हैं?

जी हां, जब आपकी परीक्षा सम्पन्न हो जाती हैं, तब आपके कॉपी को आपके विद्यालय/कॉलेज के शिक्षकों के द्वारा चेक की जाती हैं। तथा इसका फाइनल रिजल्ट बोर्ड ऑफिस को भेजा भी जाता हैं।

 

अर्धवार्षिक परीक्षा का महत्व

यदि आप भी कक्षा 10वी की अर्धवार्षिक परीक्षा देने जा रहे हैं या देने वाले हैं तो आप सभी को इस परीक्षा में भाग लेना अति आवश्यक है अर्धवार्षिक परीक्षा का उद्देश्य छात्रों की आगे की कक्षा में प्रवेश करने से पहले उसकी तैयारी को जांच किया जाए और तैयारी को बेहतर किया जाए ताकि वह आगे परीक्षा में किसी भी प्रकार में उनको दिक्कत ना हो और उनको जो भी दिक्कत है वह उसको सुधार सके इसलिए अर्धवार्षिक परीक्षा लिया जाता है 

 

Class 10th Half Exam Sanskrit Objective Answer Key 2025

1.A 11.A 21.A 31.D 41.A
2.C 12.A 22.B 32.B 42.C
3.B 13.A 23.A 33.C 43.A
4.C 14.B 24.D 34.A 44.D
5.C 15.B 25.A 35.A 45.B
6.B 16.B 26.A 36.B 46.B
7.D 17.D 27.D 37.A 47.A
8.B 18.D 28.C 38.C 48.A
9.A 19.D 29.A 39.A 49.C
10.A 20.B 30.C 40.C 50.A

Download Subjective Question Pdf

1.(क) हमारी मातृभूमि कैसी है ?

उत्तर _हमारी मातृभूमि महान, पवित्र, सुंदर और समृद्ध है। यह हमें जीवन, संस्कृति और सभ्यता प्रदान करने वाली माँ के समान है।

 

(ख) अपनी प्रगति चाहने वाले को क्या करना चाहिए ?

उत्तर _अपनी प्रगति चाहने वाले को परिश्रम, सत्य, धर्म और ज्ञान का मार्ग अपनाना चाहिए तथा आलस्य और बुराइयों से दूर रहना चाहिए।

 

(ग) नरक के तीन द्वार कौन-कौन हैं ?

उत्तर _नरक के तीन द्वार हैं – काम, क्रोध और लोभ।

 

(घ) मन्दाकिनी के जल में कैसे ऋषिगण स्नान कर रहे हैं ?

उत्तर _ मन्दाकिनी के शीतल और पवित्र जल में ऋषिगण मंत्रोच्चारण करते हुए, जटाजूट बाँधे हुए और तपस्या-भाव से स्नान कर रहे हैं।

 

(ङ) ‘कर्मवीर कथा’ का सारांश लिखें।

उत्तर _ कर्मवीर कथा में यह बताया गया है कि मनुष्य को केवल भाग्य पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि उसे निरंतर परिश्रम और कर्म करना चाहिए। भाग्य वहीं साथ देता है, जहाँ कर्मवीर पुरुष अपने पुरुषार्थ और श्रम से आगे बढ़ते हैं। कर्मवीर कभी निराश नहीं होता, वह कठिनाइयों से लड़कर सफलता प्राप्त करता है। आलस्य और अकर्मण्यता से पतन होता है जबकि परिश्रम और साहस से उन्नति मिलती है। यही कर्मवीर का जीवन संदेश है।

 

 

(च) रामप्रवेश का घर कहाँ था और कैसा था ?

उत्तर _रामप्रवेश का घर गाँव में था। उसका घर मिट्टी और फूस का बना हुआ, साधारण और छोटा-सा था। घर में सुख–सुविधाओं की कमी थी, लेकिन उसमें गाँव की सादगी और आत्मीयता का वातावरण था।

 

(छ) शैशव संस्कारों का उल्लेख करें।

उत्तर _शैशव संस्कार वे संस्कार हैं जो बच्चे के जन्म से लेकर उसकी बाल्यावस्था तक किए जाते हैं। इनमें मुख्यतः ये संस्कार आते हैं–

जातकर्म संस्कार – जन्म के समय।

नामकरण संस्कार – नाम रखने हेतु।

निष्क्रमण संस्कार – शिशु को पहली बार बाहर ले जाने का।

अन्नप्राशन संस्कार – जब बच्चे को पहली बार अन्न दिया जाता है।

चूड़ाकरण संस्कार – शिशु के बाल उतारने का।

कर्णवेध संस्कार – कान छेदने का।

 

(ज) संस्कार का मूल अर्थ क्या है ?

उत्तर _संस्कार का मूल अर्थ है – शुद्धिकरण, परिशोधन और उत्तम गुणों का विकास करना। संस्कार व्यक्ति के आचार–विचार, व्यवहार और चरित्र को पवित्र एवं श्रेष्ठ बनाते हैं।

 

(झ) स्वामी दयानंद की शिक्षा व्यवस्था का वर्णन करें।

उत्तर _स्वामी दयानंद ने शिक्षा को समाज सुधार और राष्ट्र उन्नति का प्रमुख साधन माना। उनकी शिक्षा व्यवस्था के मुख्य बिंदु थे–

शिक्षा धर्म और वेदों पर आधारित हो।

शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार न होकर चरित्र निर्माण भी हो।

स्त्री और पुरुष, दोनों को समान शिक्षा मिले।

शिक्षा व्यावहारिक एवं वैज्ञानिक हो, जिससे व्यक्ति समाजोपयोगी बने।

उन्होंने गुरुकुल प्रणाली का समर्थन किया और “गुरुकुल कांगड़ी” की स्थापना की।

 

(ञ) स्वामी दयानंद पर रात्रि जागरण का क्या प्रभाव पड़ा ?

उत्तर _स्वामी दयानंद बचपन में शिवरात्रि के अवसर पर पूरी रात जागकर उपवास रखते थे। एक बार ऐसी ही रात उन्होंने देखा कि शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद चूहा खा रहा है। इससे उनके मन में गहरा प्रभाव पड़ा और उन्होंने सोचा कि जो देवता स्वयं को नहीं बचा सकते, वे भक्तों की रक्षा कैसे करेंगे? यही अनुभव आगे चलकर उनके जीवन का मोड़ बना और उन्होंने सत्य की खोज तथा मूर्तिपूजा–विरोध का मार्ग अपनाया।

 

 

(ठ) ‘कर्मवीर’ पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?

उत्तर _ ‘कर्मवीर’ पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को कर्मवीर बनकर परिश्रम करना चाहिए। आलस्य और भाग्य भरोसे बैठने वाला व्यक्ति कभी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। परिश्रमी और कर्मठ व्यक्ति ही अपने जीवन और समाज को ऊँचाई पर ले जाता है।

 

(ड) वैदिक धर्म के प्रचार के लिए स्वामी दयानन्द ने क्या किया ?

उत्तर _ स्वामी दयानन्द सरस्वती ने वैदिक धर्म के प्रचार के लिए देशभर में भ्रमण किया, सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रंथ की रचना की, आर्य समाज की स्थापना की तथा लोगों को अंधविश्वास और कुरीतियों से दूर रहकर वेदों के सत्य संदेश का पालन करने की प्रेरणा दी।

 

ड’भारतमहिमा’ पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है ?

उत्तर _ ‘भारतमहिमा’ पाठ से हमें यह संदेश मिलता है कि हमारा भारत देश महान है। यहाँ ऋषि, मुनि, महात्मा, वीर, संत और विद्वान उत्पन्न हुए हैं। भारत की संस्कृति, ज्ञान, दर्शन और त्याग की भावना विश्व में अद्वितीय है। हमें अपने देश पर गर्व करना चाहिए और इसकी महान परम्पराओं को अपनाना चाहिए।

 

(ण) ‘मूढचेता नराधमः’ किसे कहा गया है ?

 उत्तर _’मूढचेता नराधमः’ उस व्यक्ति को कहा गया है जो विषय-वासनाओं और अज्ञान में डूबकर जीवन का वास्तविक उद्देश्य भूल जाता है। ऐसा व्यक्ति मानव रूप पाकर भी अधम जीवन जीता है।

 

(त) मनुष्य को प्रकृति से क्यों लगाव रखना चाहिए ?

उत्तर _ मनुष्य को प्रकृति से लगाव रखना चाहिए क्योंकि प्रकृति ही जीवन का आधार है। पेड़-पौधे, नदियाँ, पर्वत, वायु, जल और पृथ्वी से ही मनुष्य का जीवन चलता है। प्रकृति से लगाव रखने पर मनुष्य का जीवन स्वस्थ, संतुलित और आनंदमय रहता है।

 

(थ) भारतमहिमा पाठ में किन-किन पुराणों के पद्य संकलित हैं ?

उत्तर _ ‘भारतमहिमा’ पाठ में वराह पुराण, विष्णु पुराण और स्कन्द पुराण के पद्य संकलित हैं।

 

 

2.(क) ‘भारतीयसंस्काराः पाठ के आधार पर उत्तर _ऋषियों की कल्पना का वर्णन करें ।

भारतीयसंस्काराः” पाठ के अनुसार, ऋषियों की कल्पना यह थी कि वे ऐसे समाज का निर्माण करें जो धार्मिक, नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों पर आधारित हो, जिसमें व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक के महत्वपूर्ण संस्कारों के माध्यम से व्यक्ति का नैतिक विकास हो और समाज का उत्थान हो सके।  

 

 

(ख) ‘कर्मवीरकथा’ पाठ के आधार पर लेखक हमें क्या कहना चाहता

उत्तर _कर्मवीर कथा’ पाठ के आधार पर लेखक हमें यह कहना चाहता है कि व्यक्ति को अपनी मेहनत और निष्ठा से काम करना चाहिए, क्योंकि भाग्य के भरोसे बैठने से कुछ नहीं मिलता। व्यक्ति को मुश्किलों से हार नहीं माननी चाहिए और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ रहना चाहिए

 

 

(ग) ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ के आधार पर मनुष्य के षट् दोषों का वर्णन करें

उत्तर _नीतिश्लोकाः पाठ के आधार पर धर्म सुख देने वाला है, क्योंकि धर्म का पालन करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और संतुष्टि मिलती है, जो सच्चे सुख का आधार है

 

 

(घ) पंचवटी के धार्मिक महत्व का उल्लेख करें ।

उत्तर _रावण ने देवी सीता का हरण पंचवटी से ही किया था। इसी वजह से इस जगह को हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस जगह का नाम पंचवटी होने के पीछे एक खास कारण माना जाता है। कहते है इस जगह पांच वट वृक्ष थे, जिनकी वजह से इस जगह को पंचवटी कहा जाता है।

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