24 September Class 9th Sanskrit Question Paper 2025
Subject | Sanskrit |
Class 9th | Half Yearly |
Exam Date | 24.9.2025 |
WhatsApp Channel | Join Now |
YouTube | Click Here |
Bihar Board 9th Half Yearly Exam Hindi Question Paper 2025 Download
बिहार बोर्ड कक्षा 9वीं अर्धवार्षिक परीक्षा 2025
Bihar Board 9th Half Yearly Exam 2025
जितने भी छात्र-छात्राएं 9th की वार्षिक परीक्षा 2026 में सम्मिलित होने जा रहे हैं। उसे पहले उनको सितंबर महीने अर्धवार्षिक परीक्षा देना होगा।
कितने सिलेबस से प्रश्न रहेंगे Half Yearly Exam 2025 Syllabus
कक्षा 9th के अर्धवार्षिक परीक्षा 2025 का प्रश्न पत्र आपके विद्यालय में अगस्त माह तक पढ़ाए गए पाठ से प्रश्न आएगा
अर्धवार्षिक परीक्षा Exam 2025-EXAM CENTER
इस परीक्षा का आयोजन आपके विद्यालय के स्तर पर होगा। अर्थात की जिस भी विद्यालय में आपका नामांकन है। उसी में जाकर आपको परीक्षा देना पड़ेगा ।
Class 9th Admit Card Half Yearly Exam 2025
इस परीक्षा के लिए बिहार बोर्ड के तरफ से कोई भी ऑफिशियल एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। क्योंकि यह आपके विद्यालय के स्तर पर आयोजित होने वाला अर्धवार्षिक जांच परीक्षा है।
अर्धवार्षिक परीक्षा नहीं देंगे तो क्या होगा ?
बोर्ड ने साफ सुथरे शब्दों में सभी विद्यालय को निर्देश दिया हैं, यदि कोई छात्र/छात्रा परीक्षा में शामिल नहीं होंगे तो उनको किसी भी परिस्थिति में फाइनल परीक्षा में भाग नहीं ले सकते हैं
क्या अर्धवार्षिक परीक्षा के कॉपी Check होता हैं?
जी हां, जब आपकी परीक्षा सम्पन्न हो जाती हैं, तब आपके कॉपी को आपके विद्यालय/कॉलेज के शिक्षकों के द्वारा चेक की जाती हैं। तथा इसका फाइनल रिजल्ट बोर्ड ऑफिस को भेजा भी जाता हैं।
अर्धवार्षिक परीक्षा का महत्व
यदि आप भी कक्षा 9वी की अर्धवार्षिक परीक्षा देने जा रहे हैं या देने वाले हैं तो आप सभी को इस परीक्षा में भाग लेना अति आवश्यक है अर्धवार्षिक परीक्षा का उद्देश्य छात्रों की आगे की कक्षा में प्रवेश करने से पहले उसकी तैयारी को जांच किया जाए और तैयारी को बेहतर किया जाए ताकि वह आगे परीक्षा में किसी भी प्रकार में उनको दिक्कत ना हो और उनको जो भी दिक्कत है वह उसको सुधार सके इसलिए अर्धवार्षिक परीक्षा लिया जाता है
Class 9th Half Exam Sanskrit Objective Answer Key 2025
1.C | 11.B | 21.A | 31.B | 41.C |
2.B | 12.A | 22.B | 32.C | 42.B |
3.A | 13.B | 23.D | 33.C | 43.B |
4.C | 14.C | 24.B | 34.D | 44.B |
5.C | 15.D | 25.B | 35.B | 45.B |
6.C | 16.D | 26.C | 36.C | 46.C |
7.D | 17.B | 27.D | 37.D | 47.C |
8.D | 18.B | 28.A | 38.C | 48.B |
9.A | 19.B | 29.C | 39.A | 49.C |
10.C | 20.B | 30.C | 40.B | 50.B |
Download Subjective Question
1.(क) वेद के कितने अंग हैं? सभी अंगों को लिखें।
उत्तर – वेद के छह अंग (वेदांग) हैं, जो वेदों को समझने में सहायक होते हैं। ये छह अंग हैं: शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद, और ज्योतिष।
(ख) शिक्षक ने कक्षा में छात्रों को संस्कृत भाषा के सम्बन्ध में बताया?
उत्तर – शिक्षक ने छात्रों को संस्कृत के ऐतिहासिक महत्व, संस्कृति से जुड़ाव, और एक समृद्ध भाषाई विरासत होने के बारे में बताया।
(ग) संस्कृति किसे कहते हैं?
उत्तर – संस्कृति किसी सामाजिक समूह के साझा विश्वासों, मूल्यों, प्रथाओं, कलाओं और जीवन शैली का समग्र स्वरूप है, जिसे पीढ़ी-दर-पीढी सीखा और प्रसारित किया जाता है।
(छ) अथर्ववेद में किन विषयों का समावेश हुआ है?
उत्तर – अथर्ववेद में चिकित्सा, ज्योतिष, जादू-टोना, भूत-प्रेत विद्या, आयुर्वेद, राजनीति, अर्थशास्त्र, विवाह, दैनिक जीवन के अनुष्ठान, और आध्यात्मिक व दार्शनिक अवधारणाओं जैसे विविध विषयों का समावेश है।
(ज) ज्ञान भारतुल्य कब होता है?
उत्तर – जान तब भार तुल्य होता है, जब उसका सही उपयोग न किया जाए और वह केवल किताबी या सैद्धांतिक रह जाए। जान को भारतुल्य होने से बचाने के लिए उसका प्रयोग व्यावहारिक रूप से करना चाहिए और उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए, तभी वह उपयोगी बनता है।
(झ) वृक्षों को पर्यावरण का जनक कहा जाता है, क्यों?
उत्तर- वृक्षों को पर्यावरण का जनक कहा जाता है क्योंकि वे पृथ्वी पर जीवन के लिए वायुमंडल को अनुकूल बनाते हैं, ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं, वायु प्रदूषण कम करते हैं, मिट्टी के कटाव को रोकते हैं, बाढ़ नियंत्रण में मदद करते हैं, जीव-जंतुओं को आवास प्रदान करते हैं और पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के संतजन को बनाए ग्रखते हैं।
(त) चारों वेदों का परिचय दें।
उत्तर – चारों वेद हिंदू धर्म के पवित्र और सबसे पुराने ग्रंथ हैं, जो ज्ञान के विभिन्न पहलुओं को समाहित करते हैं: ऋग्वेद में देवताओं की स्तुति के मंत्र हैं, यजुर्वेद यज्ञ व कर्मकांड की विधियों बताता है, सामवेद में संगीत और गायन की रचनाएँ हैं, जबकि अथर्ववेद में चिकित्सा, तंत्र-मंत्र और व्यावहारिक जीवन का जान निहित है
च) मातृभूमि की स्तुति किस वेद में की गई है?
उत्तर – मातृभूमि (पृथ्वी) की स्तुति मुख्यतः अथर्ववेद और यजुर्वेद में की गई है
(द) भट्टि के काव्यों में किसका वर्णन मिलता है?
उत्तर- भट्टिकार्य (रावणवध) में श्रीराम की कथा, जन्म से लेकर रावण के वध और राज्याभिषेक तक, का वर्णन मिलता है
(न) शकुन्तला वृक्षों से स्नेह करती थीं, कैसे ? स्पष्ट करें।
उत्तर – शकुंतला आश्रम में पेड़ों से बहुत प्यार करती थीं क्योंकि उन्होंने अपना बचपन प्रकृति के सानिध्य में
(ध) संस्कृत भाषा में कौन-कौन से शास्त्र हैं?
उत्तर – संस्कृत भाषा में अनेक प्रकार के शास्त्र हैं, जिनमें प्रमुख रूप से धर्मशास्त्र, अर्थशास्त्र, मोक्षशास्त्र (दर्शनशास्त्र), और कामशास्त्र शामिल हैं, जो क्रमशः धर्म, अर्थ, मोक्ष और काम (इच्छाएँ) के पहलुओं से संबंधित हैं।
(प) वृक्ष परोपकारी होते हैं, कैसे ?
उत्तर – वृक्ष परोपकारी होते हैं क्योंकि वे बिना किसी स्वार्थ के जीवन के लिए आवश्यक सेवाएं प्रदान करते हैं।
(दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)
2.क)उत्तर – न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः।” इस श्लोक का अर्थ है कि सिर्फ इच्छा करने मात्र से किसी व्यक्ति के काम पूरे नहीं होते, बल्कि इसके लिए मेहनत भी करनी पड़ती है। जिस प्रकार एक सोए हुए शेर के मुंह में हिरण स्वयं नहीं आता, उसे स्वयं ही अपने भोजन के लिए परिश्रम करना पड़ता है।
(ख) वेदों की महत्ता पर प्रकाश डालें ।
उत्तर – वेदों की महत्ता इसलिए है क्योंकि वे ईश्वर की वाणी और हिंदू धर्म का आधार माने जाते हैं, जो प्राचीन ज्ञान का अथाह भंडार हैं और मानव जीवन के सभी पहलुओं से जुड़े हैं। वेदों में ज्ञान, धर्म, दर्शन, विज्ञान, चिकित्सा, संगीत और सामाजिक व्यवस्था का वर्णन है, जिससे व्यक्तिगत और सामूहिक कल्याण प्राप्त होता है। उनके पाठ से पवित्रता आती है।
(ङ) पठित पाठ के आधार पर ‘ज्ञानं भारः क्रियां विना उक्ति को स्पष्ट करें।
उत्तर – ज्ञानं भारः क्रियां विना का अर्थ है कि बिना क्रिया या कर्म के ज्ञान एक बोझ है। यह उक्ति बताती है कि यदि ज्ञान को व्यवहार में नहीं लाया जाता है, तो उसका कोई सार्थक लाभ नहीं होता, बल्कि वह अर्थहीन हो जाता है। जैसे, यदि किसी के पास धन है लेकिन वह उसे दान नहीं करता है. तो वह धन व्यर्थ है.