Class 10 Hindi Subjective question 2025 Subjective Pdf Download

Bihar Board Class 10 Hindi Subjective question 2025 Subjective Pdf Download

बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2025 के लिए यहां पर क्लास 10th हिंदी का प्रश्न उत्तर दिया गया है। इस पोस्ट की मदद से आप लोग क्लास 10th हिंदी का लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न भी डाउनलोड कर सकते हैं सभी प्रश्न परीक्षा की दृष्टि से काफी ही महत्वपूर्ण है इसी प्रश्न में से प्रश्न परीक्षा में पूछे जाएंगे।

Class 10 Hindi का सभी चैप्टर का सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर 

1. मैक्समूलर की दृष्टि में सच्चे भारत के दर्शन कहाँ हो सकते हैं और क्यों?

उत्तर—मैक्समूलर की दृष्टि में सच्चे भारत के दर्शन मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई जैसे शहरों में नहीं, भारत के गाँवों में हो सकते हैं, क्योंकि इसकी सर्वाधिक आबादी गाँवों में बसती है। वहीं हार्दिक संपन्नता और आर्थिक विपन्नता है। धर्म और इतिहास के अवशेष वहीं सुरक्षित हैं।

2. धर्म की दृष्टि से भारत का क्या महत्व है? ‘भारत से हम क्या सीखें’ पाठ के आधार पर बतायें।

उत्तर-धर्म की दृष्टि से भारत अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इसलिए कि धर्म के उद्भव और उसके नष्ट होनेवाले रूप का यहाँ प्रत्यक्ष ज्ञान यहाँ होता है। यह वैदिक धर्म, बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म की जन्मभूमि है तो इस्लाम और ईसाई धर्म की शरणस्थली भी है। यहाँ विभिन्न धर्मावलम्बी सदियों से हिलमिल कर रहते हैं। मत-मतान्तर यहाँ प्रकट और विकसित होते हैं।

 

3. अम्बेडकर किस विडम्बना की बात करते हैं? विडम्बना का स्वरूप क्या है?

उत्तर- अंबेडकर जाति प्रथा को विडम्बना मानते हैं। यह मजाक का विषय इसलिए है कि शिक्षा और सभ्यता के विकास के बावजूद भी इस प्रथा के पोषक बड़ी संख्या में हैं। इसका स्वरूप जाति विभाजन के साथ-साथ श्रमिक विभाजन का भी है।

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4. काशू और मदन के बीच झगड़े का क्या कारण था?

उत्तर—काशू और मदन के बीच झगड़े का कारण काशू की लट्टू खेलने की ललक और मदन द्वारा उसे खेलाने से इनकार करना था। लेखक इसके द्वारा बच्चों की ईर्ष्या और इनकार दिखाना चाहता है।

5. मनुष्य बार-बार नाखूनों को क्यों काटता है? उत्तर- मनुष्य नहीं चाहता कि बर्बर युग की कोई निशानी उसमें रहे। इसलिए, बार-बार नाखूनों को काटता है।

6. परम्परा ज्ञान किनके लिए आवश्यक है और क्यों?

उत्तर- जो लोग साहित्य में युग परिवर्तन चाहते हैं, जो लकीर के फकीर नहीं हैं और जो रूढ़ियाँ तोड़कर क्रांतिकारी साहित्य की रचना करना चाहते हैं, उनके लिए साहित्य की परम्परा का ज्ञान जरूरी है। ऐसा इसलिए कि साहित्य की परम्परा के ज्ञान से ही प्रगतिवादी दृष्टिकोण विकसित होता है और परिवर्तन-मूलक साहित्य का जन्म होता है।

7. डुमराँव की महत्ता किस कारण से है?

उत्तर- डुमराँव की महत्ता दो कारणों से है। पहली तो यह कि इसके आस-पास की नदियों के कछारों में ‘रीड’-‘नरकट’ नामक एक प्रकार की – घास पाई जाती है जिसका प्रयोग शहनाई बजाने में किया जाता है। दूसरा कारण यह है कि शहनाई के शाहंशाह बिस्मिल्ला खाँ का यह पैतृक निवास है। इनके परदादा उस्ताद सलार हुसैन यहीं के थे और इनके खानदान के लोग शहनाई बजाते थे।

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8. घनानन्द के अनुसार परहित के लिए देह धारण कौन करता है?

उत्तर- परहित के लिए (दूसरों की भलाई के लिए) बादल देह धारण करता है। बादल जल का भंडार होता है और वह बनता ही है बरसने के लिए। बरसने के बाद उसका अस्तित्व समाप्त हो जाता है। बादल सूखी धरती पर बरसकर उसे हरा-भरा बना देता है। गर्मी से तप्त धरती को सुकून देने के लिए बादल अपने अस्तित्व को समाप्त कर लेता है।

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9. भारतमाता अपने ही घर में प्रवासिनी क्यों बनी हुई है? 

उत्तर – प्रवासी वह होता है, जो परदेश में जाकर बसता है। वहाँ उसे बहुत-से अधिकार नहीं होते जो वहाँ के मूल निवासियों के होते हैं। वहाँ उसे मूल निवासियों की भाँति आमतौर से, मान-सम्मान भी प्राप्त नहीं होता । परतंत्र – काल में यहाँ के लोगों के अधिकार भी छीन गए, विदेशी शासकों के आगे मान-सम्मान भी जाता रहा। परदेशी अधिक प्रभावशाली बन गए। इस प्रकार, भारतमाता अपने देश में ही प्रवासिनी हो गई।

10. भारतमाता का ह्रास भी राहुग्रसित क्यों दिखाई पड़ता है?

उत्तर—कहते हैं राहु जैसे दुष्ट ग्रह की छाया जब चन्द्रमा पर पड़ती है तो ग्रहण होता है अर्थात् चन्द्रमा की प्रसन्नता, हँसी-खुशी, कांति कम हो जाती है। चूँकि भारतमाता पराधीन है, विदेशियों की काली छाया इस पर पड़ रही है, अतएव इसकी हँसी पर भी ग्रहण लगा है। इसी कारण, इसका ह्रास भी राहुग्रसित दिखाई देता है।

11. कवि प्रेमघन को भारत में भारतीयता क्यों नहीं दिखाई पड़ती?

उत्तर— कवि प्रेमघन जब भारतभूमि पर दृष्टिपात करते हैं तो पाते हैं कि चारों ओर लोग अंग्रेजी वेश-भूषा में हैं, रहन-सहन, रीति-रिवाज भी लोगों का विदेशियों जैसा हो गया है, घर-द्वार भी लोग विदेशी-शैली के बनाने लगे हैं। लोगों को हिन्दी बोलने में शर्म और अंग्रेजी में संभाषण करने पर गर्व का बोध होता है। लोग हिन्दुस्तानी नाम से घृणा करते हैं। इस प्रकार, कवि को भारत में कहीं भारतीयता दिखाई नहीं पड़ती।

12. “देवता मिलेंगे खेतों में खलिहानों में” पंक्ति के माध्यम से कवि किस देवता की बात करता है और क्यों?

उत्तर – कवि दिनकर के अनुसार जनतंत्र में प्रजा ही, जनता ही, सब-कुछ होती है। वह राजा होती है। उसी के नाम पर, उसी के हित के लिए, उसके द्वारा अधिकार – प्रदत्त लोग शासन करते हैं। इस प्रकार, प्रजा ही राजा है, जनतंत्र का देवता है। और चूँकि प्रजा किसान और मजदूर है, अतः कवि कहता है कि जनतंत्र के देवता राजप्रासादों, मंदिरों में नहीं मिलेंगे। ये मिलेंगे खेतों में, खलिहानों में, सड़कों पर ।

13. हिरोशिमा में मनुष्य की साखी के रूप में क्या है?

उत्तर—’ हिरोशिमा’ में मानव-निर्मित अणुबम के चलते भीषण नर-संहार हुआ। बहुत-से लोग तो वाष्प बन गए। उनका अता-पता ही नहीं चला। हाँ, जो लोग नहीं रहे, उत्ताप में स्वाहा हो गए, उनमें से कुछ की छायाएँ झुलसे पत्थरों, दीवारों और सड़कों पर उनकी साखी के रूप में या कहिए कि की संहारक प्रवृत्ति की साखी के रूप में मौजूद हैं। 

14. बेटे के आँसू कब आते हैं और क्यों? या सृष्टि-विकास की कथा क्या है?

अथवा, कवियित्री के अनुसार बेटे को आँसू कब आता है और क्यों?

उत्तर—बेटा अक्षर ज्ञान की सीढ़ियाँ चढ़ता हुआ, धीरे-धीरे जब ‘ङ’ लिखना चाहता है तो परेशानी में पड़ जाता है। ‘ड’ की टेढ़ी-मेढ़ी बनावट उससे सधती नहीं। ‘ड’ को माँ और बिन्दु (.) को उसकी गोद में बैठा मान लेने पर भी वह लिखने में सफल नहीं होता। वह अनवरत कोशिश करता है किन्तु कामयाब नहीं होता और उसकी आँखों से आँसू निकल आते हैं। किन्तु उसकी असफलता के आँसू उसमें हताशा नहीं, उत्साह पैदा करते हैं और यह उत्साह ही सृष्टि-विकास की कथा है।

15. ‘हमारी नींद’ कविता में कवि किन का और क्यों जिक्र करता है?

उत्तर—कवि ने अपनी काव्य-रचना ‘हमारी नींद’ में अनेक अत्याचारियों का उल्लेख किया है। उसकी दृष्टि में वे भी अत्याचारी हैं जो जीवन की, यों ही, अनेक समस्याओं को जन्म देते हैं। इनके बाद कवि उन लोगों को अत्याचारी कहता है, जो तरह-तरह के उन्माद में दंगे करते-कराते हैं। इतना ही नहीं, अपने विरोधी के घर-द्वार को आग के हवाले करते हैं। फिर कवि कहता है कि सत्ता या साम्राज्य विस्तार के लिए नाना प्रकार के बमों का इस्तेमाल कर लोगों का सर्वनाश करनेवाले भी अत्याचारी ही हैं। इनके अलावा कवि उन लोगों को भी अत्याचारियों में शुमार करता है जो अंध-विश्वासों को जन्म देते और गरीबों की धार्मिक भावनाओं का शोषण करते हैं।

16. रंगप्पा कौन था और मंगम्मा से क्या चाहता था?

उत्तर- रंगप्पा मंगम्मा के गाँव का जुआड़ी था और मंगम्मा से रुपये चाहता था

17. पाप्पाति कौन थी और वह शहर क्यों लाई गई थी?

उत्तर—पाप्पाति तमिलनाडु के एक गाँव की महिला वल्लि अम्माल की बेटी थी। उसे बुखार आ गया। जब वल्लि अम्माल उसे लेकर गाँव के प्राइमरी हेल्थ सेंटर में दिखाने गई तो वहाँ के डॉक्टर ने अगले दिन सुबह ही जाकर नगर के बड़े अस्पताल में दिखाने को कहा। बस, पाप्पाति को लेकर सुबह की बस से नगर के बड़े अस्पताल में दिखाने पहुँच गई।

18. कवि को वृक्ष बूढ़ा चौकीदार क्यों लगता था?

उत्तर—मजबूत कद-काठी का चौकीदार हर वक्त दरवाजे पर, पगड़ी बाँधे, फटा-पुराना जूता, अपनी पुरानी खाकी वर्दी पहने और अपने कंधे पर राइफल लिए, चौकस खड़ा रहता और हर आनेवाले से उसकी पहचान पूछता है।

19. मंगम्मा की बहू ने विवाद निपटाने में पहल क्यों की? अथवा, बहू ने सास को मनाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया?

उत्तर-बहू को जब पता चला कि रंगप्पा उसकी सास मंगम्मा के पीछे पड़ गया है तो उसके कान खड़े हो गए। कहीं सास के रुपये-पैसे रंगप्पा न ले, इस आशंका से वह बेचैन हो गई। तब उसने योजना बनाई और अपने बेटे से कहा कि जा दादी के पास, तुझे मिठाई देती है न? अगर मेरे पास आया तो पीयूँगी। बस, बच्चा मंगम्मा के पास आकर रहने लगा। मंगम्मा भी उसे चाहती ही थी। एक दिन पोता जिद कर बैठा कि मैं भी बेंगलूर चलूँगा। मंगम्मा क्या करे? माथे पर टोकरा, बगल में बच्चा! मुसीबत हो गई। तब बेटे और बहू ने आकर कहा कि उस दिन गलती हो गई। यूँ कैसे चलेगा? मंगम्मा अब खुशी-खुशी बेटे-बहू के साथ रहने लगी। धीरे-धीरे बहू ने शहर में दही बेचने का धंधा भी अपने हाथ में ले लिया। उसकी मंशा पूरी हो गई।

20. रंगप्पा कौन था और वह मंगम्मा से क्या चाहता था?

उत्तर-रंगप्पा मंगम्मा के गाँव का आदमी था— बड़ी शौकीन तबीयत का। कभी-कभार जूआ-उआ भी खेलता था। जब उसे पता चला कि मंगम्मा बेटे से अलग रहने लगी है तो मंगम्मा के पीछे पड़ गया। एक दिन उससे हाल-चाल पूछा और बोला कि मुझे रुपयों की जरूरत है। दे दो, लौटा दूँगा। मंगम्मा ने जब कहा कि पैसे कहाँ हैं तो बोला कि पैसे यहाँ-वहाँ गाड़कर रखने से क्या फायदा? दूसरे दिन रंगप्पा ने अमराई के पीछे रोक कर बाँह पकड़ ली और कहा-‘जरा बैठो मंगम्मा, जल्दी क्या है?’ दरअसल, रंगप्पा लालची और लम्पट दोनों ही था।

21. मंगम्मा की बहू ने विवाद निपटाने में पहल क्यों की? अथवा, बहू ने सास को मनाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया?

उत्तर-बहू को जब पता चला कि रंगप्पा उसकी सास मंगम्मा के पीछे पड़ गया है तो उसके कान खड़े हो गए। कहीं सास के रुपये-पैसे रंगप्पा न ले, इस आशंका से वह बेचैन हो गई। तब उसने योजना बनाई और अपने बेटे से कहा कि जा दादी के पास, तुझे मिठाई देती है न? अगर मेरे पास आया तो पीयूँगी। बस, बच्चा मंगम्मा के पास आकर रहने लगा। मंगम्मा भी उसे चाहती ही थी। एक दिन पोता जिद कर बैठा कि मैं भी बेंगलूर चलूँगा। मंगम्मा क्या करे? माथे पर टोकरा, बगल में बच्चा! मुसीबत हो गई। तब बेटे और बहू ने आकर कहा कि उस दिन गलती हो गई। यूँ कैसे चलेगा? मंगम्मा अब खुशी-खुशी बेटे-बहू के साथ रहने लगी।

धीरे-धीरे बहू ने शहर में दही बेचने का धंधा भी अपने हाथ में ले लिया। उसकी मंशा पूरी हो गई।

 

 

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