26 June Class 9th Hindi Question Paper Quarterly Exam 2025
Subject | 9th Hindi |
Exam Date | 26.6.2025 |
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Bihar Board 9th Quarterly Exam Hindi Question Paper 2025 Download
बिहार बोर्ड कक्षा 9वीं त्रैमासिक परीक्षा 2025 | रूटिन प्रश्नपत्र और सिलेबस देखें:-
Bihar Board 9th Quarterly Exam 2025 June 2025-26
जितने भी छात्र-छात्राएं 9th की वार्षिक परीक्षा 2026 में सम्मिलित होने जा रहे हैं। उसे पहले उनको June महीने त्रैमासिक परीक्षा देना होगा।
कितने सिलेबस से प्रश्न रहेंगे Quarterly Exam 2025 Syllabus
कक्षा 9th के त्रैमासिक परीक्षा 2025 का प्रश्न पत्र आपके विद्यालय में जून माह तक पढ़ाए गए पाठ से प्रश्न आएगा
इस परीक्षा में फेल करने पर क्या होगा ?
क्योंकि यह विद्यालय के स्तर पर आयोजित होने वाली एकमात्र मासिक जांच परीक्षा है। इसलिए इस परीक्षा में भाग लेना अनिवार्य है हालांकि इस परीक्षा में भाग लेना अनिवार्य है। और इसका अंक annual एग्जाम 2026 में नहीं जोड़े जाएंगे।
त्रैमासिक परीक्षा Exam 2025-EXAM CENTER
इस परीक्षा का आयोजन आपके विद्यालय के स्तर पर होगा। अर्थात की जिस भी विद्यालय में आपका नामांकन है। उसी में जाकर आपको परीक्षा देना पड़ेगा ।
Class 9th Admit Card Quarterly Exam 2025
इस परीक्षा के लिए बिहार बोर्ड के तरफ से कोई भी ऑफिशियल एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। क्योंकि यह आपके विद्यालय के स्तर पर आयोजित होने वाला एकमात्र आंतरिक जांच परीक्षा है।
त्रैमासिक परीक्षा नहीं देंगे तो क्या होगा ?
बोर्ड ने साफ सुथरे शब्दों में सभी विद्यालय को निर्देश दिया हैं, यदि कोई छात्र/छात्रा परीक्षा में शामिल नहीं होंगे तो उनको किसी भी परिस्थिति में फाइनल परीक्षा में भाग नहीं ले सकते हैं
क्या त्रैमासिक परीक्षा के कॉपी Check होता हैं?
जी हां, जब आपकी परीक्षा सम्पन्न हो जाती हैं, तब आपके कॉपी को आपके विद्यालय/कॉलेज के शिक्षकों के द्वारा चेक की जाती हैं। तथा इसका फाइनल रिजल्ट बोर्ड ऑफिस को भेजा भी जाता हैं।
त्रैमासिक परीक्षा का महत्व
यदि आप भी कक्षा 9वी की त्रैमासिक परीक्षा देने जा रहे हैं या देने वाले हैं तो आप सभी को इस परीक्षा में भाग लेना अति आवश्यक है त्रैमासिक परीक्षा का उद्देश्य छात्रों की आगे की कक्षा में प्रवेश करने से पहले उसकी तैयारी को जांच किया जाए और तैयारी को बेहतर किया जाए ताकि वह आगे परीक्षा में किसी भी प्रकार में उनको दिक्कत ना हो और उनको जो भी कमजोरी है वह उसको सुधार सके इसलिए त्रैमासिक परीक्षा लिया जाता है
Class 9th Quarterly Exam Hindi Objective Answer Key 2025
1.B | 11.A | 21.C | 31.A | 41. |
2.D | 12.D | 22.D | 32.C | 42. |
3.A | 13.C | 23.B | 33.A | 43. |
4.B | 14.B | 24.C | 34.D | 44. |
5.A | 15.C | 25.D | 35.B | 45. |
6.D | 16.C | 26.C | 36.D | 46. |
7.B | 17.A | 27.A | 37.C | 47. |
8.D | 18.A | 28.D | 38.B | 48. |
9.B | 19.D | 29.A | 39.B | 49. |
10.C | 20.B | 30.D | 40.C | 50. |
Download Subjective Question
1.(i) काशी क्या है ?
उत्तर – काशी संस्कृति की पाठशाला है
(ii) काशी में किसकी एक प्राचीन एवं अद्भूत परंपरा रही है ?
उत्तर – काशी में संगीत आयोजन की एक प्राचीन एवं अद्भुत परंपरा रही है
(iii) किस आयोजन में उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ अवश्य रहते थे ?
उत्तर_यह आयोजन पिछले कई दशकों से संकटमोचन मंदिर में होता आया है इस आयोजन में उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ अवश्य रहते थे। संकटमोचन मंदिर में होता आया है।
(iv) बिस्मिल्ला खाँ का मतलब क्या है?
उत्तर – बिस्मिल्ला खाँ का मतलब बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई। शहनाई का तात्पर्य-बिस्मिल्ला खाँ का हाथ ।
(v) उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ किसकी प्रेरणा देते रहे ?
उत्तर- जो हमेशा से दो कौमों को एक होने व आपस में भाईचारे के साथ रहने की प्रेरणा देता रहा ।
2. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 200-250 शब्दों में निबंध लिखें:
(i) पुस्तकालय
उत्तर – पुस्तकालय
मानव शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जिस प्रकार हमें पौष्टिक तथा संतुलित भोजन की आवश्यकता होती है। उसी प्रकार मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज्ञान की प्राप्ति आवश्यक है। मस्तिष्क को बिना गतिशील बनाये ज्ञान प्राप्त नहीं किया जा सकता। ज्ञान प्राप्ति के लिए विद्यालय झक्कड़ गुरु की शरण लेनी पड़ती है। इसी प्रकार ज्ञान अर्जित करने के लिए पुस्तकालय की सहायता लेनी पड़ती है। लोगों को शिक्षित करने तथा ज्ञान देने के लिए एक बड़ी राशि में करनी पड़ती है। इसलिए स्कूल कॉलेज खोले जाते हैं और उन में पुस्तकालय स्थापित किये जाते हैं। जिससे कि ज्ञान चाहने वाले व्यक्ति सफलता से ज्ञान प्राप्त कर सकें। पुस्तकालय के दो भाग होते हैं। वाचनालय तथा पुस्तकालय। वाचनालय में देशभर से प्रकाशित दैनिक अखबार के अलावा साहित्यिक, पाक्षिक तथा मासिक पत्र पत्रिकाओं का पाटन केन्द्र है। यहाँ से हमें दिन प्रतिदिन की घटनाओं की जानकारी मिलती है। पुस्तकालय विविध विषयों और इनकी विविध पुस्तकों का भण्डारगृह होता है । पुस्तकालय में दुर्बल से दुर्बल पुस्तक भी मिल जाती है।
3. अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापक को तीन दिनों के अवकाश हेतु एक आवेदन पत्र लिखे –
उत्तर –
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय, [विद्यालय का नाम], [विद्यालय का पता], बिहार। बिहार। विषयः तीन दिनों के अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र महोदय/महोदया,
सविनय निवेदन है कि मैं [आपका नाम), आपके विद्यालय में कक्षा [आपकी कक्षा] का छात्र/छात्रा हूँ। मुझे [कारण, जैसे-बुखार, व्यक्तिगत कार्य, आदि) के कारण दिनांक [आरंभ तिथि] से [समाप्ति तिथि] तक तीन दिनों का अवकाश चाहिए।
अतः, आपसे विनम्र निवेदन है कि मुझे तीन दिनों का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें। इसके लिए मैं आपका आभारी रहूँगा।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी छात्र/छात्रा,
[आपका नाम),
[कक्षा]
4.(i) लोकगीत किसे कहते हैं ?
उत्तर _लोकगीत, जिसे लोक साहित्य का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है, मौखिक रूप से प्रसारित होने वाले पारंपरिक गीत हैं जो किसी विशेष समुदाय या क्षेत्र के लोगों द्वारा गाए जाते हैं। ये गीत अक्सर रीति-रिवाजों, त्योहारों, या सामान्य जीवन की घटनाओं से जुड़े होते हैं
(ii) भगजोगनी का सौंदर्य क्यों नहीं खिल सका ?
उत्तर _भगजोगनी का सौंदर्य इसलिए नहीं खिल सका क्योंकि वह अत्यधिक गरीबी में पली-बढ़ी थी। एक शैक्षिक मंच के अनुसार उसे पर्याप्त पोषण नहीं मिला, जिससे उसका शारीरिक विकास बाधित हुआ और वह कमजोर और मुरझाई हुई दिखाई देती थी। गरीबी के कारण उसे अच्छे कपड़े और तेल भी नसीब नहीं थे, जिससे उसका सौंदर्य और निखर नहीं पाया।
(iii) नालंदा में किन पाँच विषयों की शिक्षा अनिवार्य थी ?
उत्तर _नालंदा विश्वविद्यालय में पाँच विषयों का अध्ययन अनिवार्य था: 1. व्याकरण, 2. चिकित्सा, 3. तर्कशास्त्र, 4. धर्म और दर्शन, और 5. शिल्प विद्या.
(iv) लक्ष्मीनारायण सुधांशु का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर _लक्ष्मी नारायण सुधांशु का जन्म 15 दिसंबर 1906 को पूर्णिया जिले के धमदाहा उपमंडल स्थित रूपसपुर गांव में हुआ था।
(v) कवि रैदास ने अपने ईश्वर को किन-किन नामों से पुकारा है ?
उत्तर _कवि रैदास ने अपने ईश्वर को गुसईया, गरीब निवाजु, लाल, गोबिंद, हरि, प्रभु आदि नामों से पुकारा है।
5.(ii) लोकगीतों के प्रमुख भेदों का परिचय दें
उत्तर _लोकगीत, जो विभिन्न अवसरों और रीति-रिवाजों से जुड़े होते हैं, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन्हें मुख्य रूप से विवाह, जन्म, त्योहारों, और मौसमी अवसरों पर गाया जाता है।
लोकगीतों के कुछ प्रमुख भेद इस प्रकार हैं:
1. संस्कार गीत:
जन्म, विवाह, मुंडन, जनेऊ आदि जैसे संस्कारों के समय गाए जाने वाले गीत।
उदाहरण: सोहर, कोहबर, समुझ बनी, आदि।
2. मौसमी गीत:
विभिन्न मौसमों, जैसे सावन, होली, आदि के
आगमन पर गाए जाने वाले गीत।
उदाहरण: कजरी (सावन में), चैती (चैत्र मास में)।